हर्षोल्लास से मनाई होली, अधिकांश जगह आधी रात बाद हुआ होली दहन,कई समाजों में हुआ सामूहिक ढूंढ़ का आयोजन 

रबी की फसल पकने के साथ जीवन में खुशी के रंग भरने वाला होली का पर्व बालोतरा व सिवाना उपखंड क्षेत्र में हर्षोल्लास से मनाया गया। इस बार मुहूर्त के कारण अधिकांश जगहों पर होलिका दहन आधी रात बाद ही हुआ। निर्धारित मुहूर्त पर होलिका दहन के बाद शुरू हुए धुलंडी के दौर में शहरवासियों ने एक-दूसरे को गुलाल-अबीर लगाकर तिलक होली खेली तथा पर्व की बधाई दी। कई समाजों में नौनिहालों की ढूंढ़ का आयोजन किया गया। शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में पर्व का उत्साह ज्यादा देखने को मिला। चंग की थाप पर गांव के चौहटों पर युवाओं ने फाग गीत गाकर खुशियां मनाई। वहीं महिलाओं ने भी पर्व के उपलक्ष्य में सामूहिक लूर नृत्य किया। होली पर्व के दौरान क्षेत्र में छुट-फुट मारपीट की घटनाओं को छोड़कर कोई बड़ी वारदात नहीं हुई। 
बालोतरा. रेलवे स्टेशन के बाहर होलिका दहन से पूर्व केंडल जलाते टैक्सी चालक व धुलंडी के दिन होलिका दहन स्थल पर सामूहिक ढूंढ़ोत्सव के लिए पहुंचे लोग। 

शुभ मुहूर्त में किया होली दहन :शहर में ज्योतिषियों की ओर से बताए गए मुहूर्त पर विधि-विधान के साथ होली दहन किया गया। लोहाणों का चौक, श्रीमालियों का चौक, नयापुरा, अग्रवाल कॉलोनी, आंगडिय़ा गली, पुरूषोत्तमपुरा, मालियों का वास, गांधीपुरा, समदड़ी रोड़, खेड़ रोड़, दूध डेयरी के पीछे सहित विभिन्न स्थानों पर विभिन्न समाजों के लोगों की ओर से होलिका दहन किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भी निर्धारित मुहूर्त पर गाजे-बाजे के साथ जुलूस के रूप में पहुंचकर होलिका दहन किया।

ढूंढ़ोत्सव के आयोजन: होली के अवसर पर नौनिहालों की ढूंढ़ हुई। विभिन्न समाजों में आयोजित हुए ढूंढ़ोत्सव में नवजात बच्चों के ढूंढ़ संस्कार की रस्म अदा की गई। होलिका दहन के बाद गेरियों ने चंग की थाप पर बच्चों का ढूंढ़ संस्कार किया।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी रही धूम 

सिवाना. कस्बे सहित ग्रामीण आंचल में रंगों का पर्व होली धूमधाम से मनाया गया। मंगलवार मध्य रात्रि में स्थानीय प्राचीन दुर्ग पर होली का दहन किया गया। बुधवार को कस्बे में ढूंढ़ोत्सव को लेकर नौनिहालों की ढोल नगाड़ों के साथ बारातें निकाली गई, जो सदर बाजार स्थित गुरु महाराज मंदिर में धोक लगाकर नौनिहालों के दीर्घायु की कामना की। धुलंडी के दौर में युवाओं, बच्चों सहित बुजुर्गों ने भी रंग उड़ेलकर होली खेली।

समदड़ी. क्षेत्र में होली धूमधाम से मनाई गई। मोहल्लों में गेरियों ने रंग गुलाल अबीर के साथ जमकर होली खेली। साथ ही चंग की थाप पर फाग गीत गाकर विभिन्न समाजों में नवजात बच्चों की ढूंढ़ संस्कार रस्म अदा की गई। श्रीमाली ब्राह्मण समाज ने लड़की को लड़के के समान दर्जा देते हुए लड़कियों की ढूंढ़ की रस्म अदा की।

कल्याणपुर. कस्बे में महिलाओं ने लूर नृत्य किया तथा पुरुष चंग की थाप पर गेर नृत्य करके खूब आनंद उठाया। ग्रामीण रामाराम चौधरी, चुनाराम, खीमाराम, हंसराज ने बताया कि शुभ मुहूर्त के साथ होली का दहन किया गया। इसी प्रकार आसपास के नेवरी, थोब, अराबा, मूलकी ढाणी, परालिया सांसण, घड़सोई बागलोप व चारलाई कला में परंपरानुसार रीति-रिवाज से होली खेली गई।

मोकलसर. रंगों का त्यौहार होली मोकलसर सहित आसपास के गांवों में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दैनिक भास्कर अभियान से प्रेरणा लेकर युवाओं ने गुलाल-अबीर से सुखी होली खेली। मंगलवार को पौराणिक रीति रिवाज के तहत शाम को मंगल वेला पर क्षेत्र के सभी गांवों में होलिका दहन किया गया। धुलंडी के दिन ढूंढ़ोत्सव के भी आयोजन हुए।

रमणिया. क्षेत्र के रमणिया, काठाड़ी, भागवा, धीरा, सैला, कुंडल, पादरु सहित आसपास के गांवों में रंगों का तयौहार होली धूमधाम से मनाया गया। मंगलवार को शुभ वेला में होलिका का दहन किया गया। होली दहन स्थान पर युवाओं ने गेर नृत्य की प्रस्तुतियां दी। वहीं महिलाओं ने फाग गीतों पर लू ली। बुधवार को धुलंडी के दिन नौनिहालों की गाजे-बाजे के साथ बारात निकाली तथा होली दहन के स्थान पर विधि विधान से होली के फेरे लेकर ढूंढ़ की रस्म अदा की गई।

खंडप. रंगों का पर्व होली खंडप सहित आसपास के गांवों में धूमधाम से मनाया गया। निर्धारित मुहूर्त मेंं होलिका का दहन किया गया। पौराणिक परंपरानुसार होली के दूसरे दिन धुलंडी पर नौनिहालों की ढूंढ़ की रस्म अदा की गई। ग्रामीणों ने एक-दूसरे के गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दी। ग्रामीणों ने भास्कर अभियान से प्रेरणा लेकर गुलाल-अबीर से होली खेलकर पानी बचाने का संदेश दिया।

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